शब्द का अर्थ
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सर (स्) :
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पुं० [सं०] बड़ा तालाब। ताल। स्त्री० [सं० सदृक् या सदृश्] समानता। बराबरी। मुहावरा—किसी की सर पूजना=किसी की बराबरी तक पहुँचना। स्त्री० [सं० शर] चिता। उदाहरण—अब सर चढ़ौ, जरौ जरु सती।—जायसी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) पुं० [सं० स्वर] आवाज। ध्वनि। उदाहरण—कोकिल कंठ सहाइ सर।—प्रीथिराज।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) पुं० [सं० अवसर का अनु] ऐसा अवसर जो किसी काम के लिए उपयुक्त न हो। मुहावरा—सर अवसर न देखना या समझना=यह न सोचना कि अमुक काम के लिए यह अवसर ठीक है या नहीं। उदाहरण—नृप सिसुपाल महापद पायौ, सर अवसर नहिं जान्यौ।—सूर। अव्य० [सं० सह] संय ‘स’ की तरह युक्त या संहित के अर्थ में प्रयुक्त होनेवाला। अव्यय। जैसा—सरजीव=सरजीव, सरधन=धनवान। पुं० दे० ‘साथिया’।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) पुं० [सं० शीर्ष, या शिरस् से फा०] १. सिर। (मुहा० के लिए दे० सिर के मुहा०) २. अंतिम या ऊपरी भाग। सिरा। ३. चरम। सीमा। हद। मुहावरा—(कोई काम या बात) सर पहुँचाना=क) समाप्त करना। (ख) ठिकाने या हद तक पहुँचना। वि० १. बलपूर्वक दबाया हुआ। जैसा—प्रतियोगी को सर करना। २. हराया हुआ। पराजित। जैसा—लड़ाई में दुश्मन की फौज को सर करना। ३. (काम) पूरा या समाप्त किया हुआ। ४. सबसे बड़ा। प्रधान या मुख्य। जैसा—अगर वह खूनी है तो मै सर खूनी हूँ। स्त्री० १. गंजीफा, ताश आदि के खेल में ऐसा पत्ता जिससे जीत निश्चित हो। २. उक्त खेलो में जीती जानेवाली बाजी या हाथ। जैसा—हमारी चार सरें बनी हैं। पुं० [अं०] १. महोदय। २. ब्रिटिश राज्य की एक सम्मानित उपाधि। जैसा—सर फीरोजशाह मेहता। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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